जब माशिरो अविवाहित पुरुषों के एक छात्रावास में केयरटेकर का काम शुरू करती है, तो उसकी मुलाक़ात गंदे बुज़ुर्गों के एक समूह से होती है। वे उसके गोरे, मुलायम स्तनों को घूरते हैं और फिर जब वह पूरी लगन से काम कर रही होती है, तो उस पर टूट पड़ते हैं। माशिरो विरोध करने की कोशिश करती है, लेकिन जैसे ही उन बुज़ुर्गों की चिपचिपी जीभ उसकी योनि से खेलती है, वह धीरे-धीरे विरोध करने की इच्छा खो देती है, और जब वे लालच से उसे खा जाते हैं और उसकी चरम सीमा तक पहुँच जाते हैं, तो वह चरम पर पहुँच जाती है।